रतलाम का गिरता भूजल स्तर चिंताजनक : लगातार बढ़ रहा शहर का तापमान : नही संभले तो गंभीर जल संकट भोगना पड़ेगा
केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार रतलाम जिले 141 प्रतिशत तक भूजल का पानी का दोहन करता है

रतलाम 22मई (प्रकाशभारत) पिछले 5 दिनों से रतलाम शहर का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत के 10 सर्वाधिक गर्म शहरों में रतलाम 5 वे स्थान पर आ गया। इसका मुख्य कारण भूजल का अत्यधिक दोहन हैं।ग्रीष्मकाल में नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध होने के बाद भी शहर और जिले में मकानों के निर्माण में बेखौफ नलकूप खनन हो रहे है
पिछले लंबे समय से विकास के नाम पर शहर में हजारों पेड़ो को काट दिया गया। केवल गोल्ड पार्क के निर्माण में ही सैकड़ों पेड़ो की आहुति दे दी गई। पर्यावरण की चिंता ना प्रशासन कर रहा है और ना ही जानता जागरूक हो रही है।
इंदौर में लगातार विकास कार्य हो रहे हैं पर हरियाली से कोई समझौता नहीं हो रहा है, इधर, रतलाम शहर को शायद विकास के नाम पर वृक्ष रहित करना ही सब जिम्मेदारों का लक्ष्य है! यही कारण है कि रतलाम जिला और मुख्य रूप से रतलाम शहर नहीं संभला तो आने वाले कल में शहर भीषण जल संकट की चपेट में आ जायेगा।
प्रदेश में सबसे ज्यादा भूजल का दोहन रतलाम जिले में हो रहा है। इसी के चलते यहां हर साल 7.20 सेंटीमीटर भूजल नीचे खिसकता जा रहा है। जिले के रतलाम, पिपलौदा, जावरा, आलोट विकासखंड को भूजल स्तर के मान से अतिदोहित क्षेत्र में लिया गया है। इसमें पिपलौदा, आलोट में हालाता बेहद चिंताजनक हैं। 800 से 1000 फीट तक खुदाई के बाद भी पानी नहीं आ रहा है
केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट चिंताजनक
केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार रतलाम जिले 141 प्रतिशत तक भूजल का पानी का दोहन करता है,लेकिन जल संवर्धन के काम लगभग नगण्य है।
सरकार की रिपोर्ट भी है चिंताजनक ऐसे में अभी भी नहीं संभले तो आने वाले समय में त्राहि त्राहि मच जाएगी ।
रतलाम जिले में सबसे ज्यादा भूजल का दाेहन करने वाले विकासखड
. रतलाम :आलोट 113.18, जावरा 167.5, पीपलाेदा 163.93, रतलाम 110.07 प्रतिशत। सैलाना 77.71 व बाजना 78.15 प्रतिशत दोहन हो रहा है।
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