मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव यूनियन की रतलाम शाखा द्वारा चार काली श्रम संहिताओं को वापस लेने सहित 13 सूत्रीय मांगो के समर्थन में एक ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
प्रदेश सरकार ने विगत 5 वर्षो से न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण को तमाम कांट छांट के बाद लागू किया, इसके तहत् केवल 1 माह मई मे वेतन मिला एवम् उसके बाद पुनः वेतन कम कर दिया जा रहा है, जिसके तहत प्रदेश के 25 लाख से ज़्यादा कुशल कर्मचारी को1625 रू, अर्ध कुशल कर्मचारी को 1764रू, कुशल कर्मचारी को 2109रू तथा अति कुशल कर्मचारी को 2434 रू मासिक कटौती झेलनी पड़ रही है।

रतलाम(प्रकाशभारत) मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव यूनियन की रतलाम शाखा द्वारा चार काली श्रम संहिताओं को वापस लेने सहित 13 सूत्रीय मांगो के समर्थन में एक ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम आज ज़िला मुख्यालय पर नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय को सौंपा।
जानकारी देते हुए प्रदेशिक उपाध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने बताया कि वर्तमान सरकार ने 100 दिनों की कार्ययोजना तैयार कि है जिसके तहत विगत 20 जून को भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने सभी प्रदेशों के श्रम सचिवों और आयुक्त कि बैठक कर इन श्रम संहिताओं को लागू करने की तैयारी शुरू की प्रदेष सरकार ने विगत 5 वर्षो से न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण को तमाम कांट छांट के बाद लागू किया, इसके तहत् केवल 1 माह मई मे वेतन मिला एवम् उसके बाद पुनः वेतन कम कर दिया जा रहा है, जिसके तहत प्रदेश के 25 लाख से ज़्यादा कुशल कर्मचारी को1625 रू, अर्ध कुशल कर्मचारी को 1764रू, कुशल कर्मचारी को 2109रू तथा अति कुशल कर्मचारी को 2434 रू मासिक कटौती झेलनी पड़ रही है।
इसके साथ ही दवाओ पर 0 जी एस टी, ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने एवम् काम के घंटे तय करने जैसी प्रमुख मांग है। ज्ञापन का वाचन राहुल जाधव ने किया,
इस अवसर पर उत्सव दुबे, मोहित वाघमारे, विपीन कसारा, निलेश कुमार, तरुण जेन एवम् सीटू के साथी उपस्थित थे।
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