मैं यहां एक जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि आपके परिवार के सदस्य के रूप में उपस्थित हूं : मेरे पिता एक राजनेता नहीं, सच्चे जनसेवक थे - ज्योतिरादित्य सिंधिया
कोरोना काल में ऑक्सीजन संकट के दौरान की गई मदद मेरा कर्तव्य ही नहीं, रतलाम परिवार के प्रति मेरा धर्म भी था। उन्होंने कहा कि उनके पूज्य पिताजी एक राजनेता नहीं, सच्चे जनसेवक थे

रतलाम (प्रकाशभारत न्यूज) कल रतलाम आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रतलाम से आपने परिवार के पुराने और आत्मीय रिश्तों का जिक्र करते हुए भावुक हो गए।
सिंधिया ने कहा कि मैं यहां एक जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि आपके परिवार के सदस्य के रूप में उपस्थित हूं। मेरे पूज्य पिताजी जी ने रतलाम, नीमच, इंदौर और उज्जैन को भी उतनी ही प्राथमिकता दी, जितनी ग्वालियर को दी और इस क्षेत्र का विकास किया।
कोरोना काल में ऑक्सीजन संकट के दौरान की गई मदद मेरा कर्तव्य ही नहीं, रतलाम परिवार के प्रति मेरा धर्म भी था। उन्होंने कहा कि उनके पूज्य पिताजी एक राजनेता नहीं, सच्चे जनसेवक थे।
सिंधिया ने रतलाम की गौरवशाली सांस्कृतिक, सामाजिक और बौद्धिक विरासत की सराहना करते हुए कहा कि रतलाम सिर्फ एक शहर नही, अपितु संस्कृति और उसूलों का केंद्र है।
जिले का मोबाइल नेटवर्क को दुरुस्त करवाएंगे
जिले में मोबाइल नेटवर्क को दुरुस्त करने का आश्वासन देते हुए कहा कि जिन भी क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं आ रहा है उसकी सूची बनाई जाए और वह हर क्षेत्र तक मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने का कार्य करेंगे।
समाजसेवियों का किया सम्मान
सिंधिया एक निजी समारोह में शामिल होने आए थे। इस दौरान उन्होंने समाजसेवी राजकुमार अजमेरा जवाहर व्यायाम शाला के अध्यक्ष गौरव जाट गोविंद काकानी सुभाष जैन, शैलेन्द्र गोधवाल का सम्मान किया।
सिंधिया के साथ जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, पूर्व मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव राजेंद्र भारती गौरव अजमेर नीरज बरमेचा आदि मौजूद थे
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