नगरीय प्रशासन विभाग ने बाजार बैठक वसुली प्रस्ताव के जांच के आदेश : बजट राशि के 104 पदों के भ्रामक आंकड़ों पर मांगा प्रतिवेदन : पारस सकलेचा ने की थी शिकायत
पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने शिकायत में कहा था कि बाजार बैठक के प्रस्ताव को नगर निगम अधिनियम की धाराओं के विपरीत रखा गया तथा पारित किया गया । एवं बजट के 104 मदों में आंकड़ों में हेर फेर कर करोड़ों का गोलमाल किया गया

रतलाम (प्रकाशभारत न्यूज) नगर निगम रतलाम द्वारा 29 मार्च 2025 को पारित बाजार बैठक वसूली के प्रस्ताव तथा 25 मार्च 2025 को प्रस्तुत 2025 -26 के बजट के आंकड़ों में करोड़ों के गोलमाल की पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत पर नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल जांच के आदेश दिए हैं।
पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने शिकायत में कहा था कि बाजार बैठक के प्रस्ताव को नगर निगम अधिनियम की धाराओं के विपरीत रखा गया तथा पारित किया गया । एवं बजट के 104 मदों में आंकड़ों में हेर फेर कर करोड़ों का गोलमाल किया गया ।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया तथा नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा द्वारा जारी विज्ञप्ति अनुसार बाजार बैठक वसूली के खिलाफ कांग्रेस ने 29 मार्च 2025 को नगर निगम के गेट पर हजारों कार्यकर्ता और बाजार में सब्जी तथा ठेला एवं गुमटी व्यवसायी के साथ जंगी प्रदर्शन किया था तथा कांग्रेस पार्षदो ने सम्मेलन में आधे घंटे तक बाजार बैठक वसूली का जमकर विरोध कर धरना दिया तथा सम्मेलन से बहिर्गमन किया था ।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया तथा निगम में नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा ने कहा कि बाजार बैठक वसूली के जांच के मद्देनजर बाजार बैठक की वसूली नहीं की जा सकती । उन्होंने व्यवसायी से अनुरोध किया कि अगर कोई उनसे बाजार बैठक वसूली के लिए दबाव डालें तो वह इसकी शिकायत कांग्रेस से करें । वैसे भी अप्रैल से बाजार बैठक की वसूली होना थी , जो कांग्रेस की आपत्ति के बाद प्रारंभ नहीं की गई ।
नेता द्वय ने बताया कि 4 अप्रैल 2025 को कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल निगम आयुक्त से मिला था, तथा उन्हें छलपूर्वक लाये गए बाजार बैठक वसूली के प्रस्ताव को निरस्त करने तथा बजट 2025-26 के 104 मदों में भ्रामक आंकड़ों को ठीक कर नया बजट देने के लिए ज्ञापन दिया था । तथा करोड़ के हुए गोलमाल की जांच के लिए मांग की गई थी । बोगस बजट पेश कर जनता के धन का दुरुपयोग करने तथा अप्रैल 2025 से अभी तक नगर निगम द्वारा जितना भी खर्च किया गया है , वह सभी धोखाधड़ी की श्रेणी में आयगा , तथा राज्य धन का दुरुपयोग माना जायेगा ।
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