नगर निगम का खेल : बड़े हुए वेतनमान नही मिलने से धरने पर बैठे प्रभारी कार्यालय अधीक्षक : सल्फास की गोली खाकर की आत्महत्या करने की कोशिश
निगम प्रशासन द्वारा राज्य शासन के आदेशानुसार ऐसे कर्मचारियों जिनकी सेवा अवधि 35 वर्ष पूर्ण हो चुकी है को महापौर परिषद की स्वीकृति उपरांत चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ दिया जा रहा था जिसे लेखपाल बालोद्रा द्वारा आडिट आपत्ति का हवाला देते हुए मिलते हुए वेतन को कम किया गया था

रतलाम (प्रकाशभारत) रतलाम नगर निगम के गोपाल झालीवाल प्र० कार्यालय अधिक्षक के नेतृत्व में निगम कर्मचारियों द्वारा लेखापाल विजय बालोद्रा के खिलाफ आयुक्त के आदेश का उल्लंघन किये जाने से नाराज हो कर धरने पर बैठ गए।
निगम प्रशासन द्वारा राज्य शासन के आदेशानुसार ऐसे कर्मचारियों जिनकी सेवा अवधि 35 वर्ष पूर्ण हो चुकी है को महापौर परिषद की स्वीकृति उपरांत चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ दिया जा रहा था जिसे लेखपाल बालोद्रा द्वारा आडिट आपत्ति का हवाला देते हुए मिलते हुए वेतन को कम किया गया था।
झालीवाला द्वारा बताया गया कि आयुक्त महोदय द्वारा बालोद्र को समक्ष में निर्देश दिये गये कि लाभान्वीत कर्मचारियों को वृद्धित वेतनमान का लाभ सयुक्त संचालक, स्थानीय संपरिक्षक, उज्जैन संभाग उज्जैन की स्वीकृति की प्रत्याशा में व्रदित वेतन का लाभ निरन्तरं जारी रखा जावें, किन्तु बालोद्वा द्वारा उक्त प्रकरण में आयुक्त महोदय के आदेश के उपरान्त भी कर्मचारियों को वित्तीय हानी पहुँचाई जा रही है जिससे कर्मचारी प्रताड़ित हो रहा है।
कर्मचारियों को बड़ा हुआ वेतनमान का लाभ मिल रहा है। कुछ गलतफहमी के कारण 3 माह से नहीं मिला । और कोई कारण नहीं है। करुणेश दंडोतिया उपयुक्त नगर निगम
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