रतलाम: हेड कांस्टेबल ने रेलवे कर्मचारी को ब्लैकमेल कर ऐंठे लाखों रुपये, एसपी ने किया लाइन अटैच : विभागीय जांच के दिए आदेश
पीड़ित रेलवे कर्मचारी है और नौकरी के अलावा बच्चों को धार्मिक शिक्षा भी देता हैं। एक महिला ने अपने बच्चों को धार्मिक शिक्षा देने की बात कही और फिर बाद मेँ महिला से व्हाट्सएप पर बातचीत होने लगी

रतलाम (प्रकाशभारत न्यूज) रतलाम के स्टेशन रोड थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल महेंद्र फतरोड़ द्वारा रेलवे के 60 वर्षीय कर्मचारी को डरा-धमकाकर ब्लैकमेल करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ित रेलवे कर्मचारी से पुलिसकर्मी ने झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर लाखों रुपये ऐंठे। मामले की जानकारी एक भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी को लगी तब जा कर पीड़ित एसपी अमित कुमार को शिकायत कर सके। इस मामले में दो बत्ती थाना प्रभारी डाबी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
कैसे हुआ ब्लैकमेल?
पीड़ित रेलवे कर्मचारी है और नौकरी के अलावा बच्चों को धार्मिक शिक्षा भी देता हैं। एक महिला ने अपने बच्चों को धार्मिक शिक्षा देने की बात कही और फिर बाद मेँ महिला से व्हाट्सएप पर बातचीत होने लगी। इसी दौरान अनीस नामक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि महिला का पति शाहरुख उन्हें खोज रहा है। इसके बाद पीड़ित को समाज में बदनाम करने की धमकी दी गई और पांच लाख रुपये की मांग रखी गई।
डर के चलते पीड़ित ने पहले 50,000 ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। कुछ दिन बाद स्टेशन रोड थाने की महिला डेस्क से पीड़ित को फोन आया कि उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है। जब वह थाने पहुंचे तो कांस्टेबल महेंद्र फतरोड़ ने तीन घंटे तक बिठाकर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी और मामला ‘सेटल’ करने के लिए एक लाख रुपये की मांग रखी।
कैसे हुआ खुलासा?
पीड़ित ने कांस्टेबल महेंद्र को ₹50,000 नगद और तीन लाख रुपये का चेक भी दे दिया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत पीड़ित ने रतलाम के एसपी अमित कुमार से कर दी। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से हेड कांस्टेबल महेंद्र को लाइन अटैच कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
एसपी का बयान
एसपी अमित कुमार ने कहा कि मामले की गहन जांच की जा रही है। जांच के निष्कर्ष के आधार पर आगे सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की छवि पर सवाल
इस घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता को न्याय दिलाने के बजाय अगर वर्दी का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार किया जाएगा, तो जनता का कानून पर से भरोसा उठ जाएगा। अब देखने वाली बात होगी कि जांच के बाद आरोपी पुलिसकर्मी पर क्या सख्त कदम उठाए जाते हैं।
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