सात सूत्रीय माँगो को लेकर प्रॉपर्टी व्यवसायी संघ ने दिया धरना : रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन : पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी ने भी धरने पर पहुंच कर दिया समर्थन
पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी ने संबोधित करते हुए कहा कि जन समस्याओं के निराकरण के लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ना होगी । वर्तमान समय राजनीति करने का नहीं बल्कि अपने अधिकारों के लिए लड़ने का है । उन्होंने आम जन की समस्याओं के निराकरण हेतु सदैव साथ देने की बात कही

रतलाम (प्रकाशभारत न्यूज) रतलाम जिला प्रॉपर्टी व्यवसायी संघ द्वारा प्रॉपर्टी व्यवसाय में आ रही समस्याओं को लेकर शुक्रवार को नगरनिगम के सामने तीन घंटे का धरना प्रदर्शन किया । दोपहर 12 से तीन बजे तक धरना देने के बाद बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी व्यवसायी कलेक्टोरेट पहुंचे जहाँ अपर कलेक्टर शालिनी श्रीवास्तव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ।
कृषि भूमियों के नामांतरण में 1956-57 के रिकॉर्ड की अनिवार्यता, विभाजित भूखण्डों के रुके हुए नामांतरण की समस्या सहित अन्य सात सूत्रीय मांगों को लेकर रतलाम जिला प्रॉपर्टी व्यवसाय संघ द्वारा शुक्रवार को नगर निगम गेट के सामने तीन घंटे का धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया । पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी, पूर्व विधायक पारस सकलेचा, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा, जनक नांगल, रजनीकांत व्यास सहित कई जन प्रतिनिधियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन व्यक्त किया ।
पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी ने संबोधित करते हुए कहा कि जन समस्याओं के निराकरण के लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ना होगी । वर्तमान समय राजनीति करने का नहीं बल्कि अपने अधिकारों के लिए लड़ने का है । उन्होंने आम जन की समस्याओं के निराकरण हेतु सदैव साथ देने की बात कही । पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने भी कहा कि शासन प्रशासन को आम जनता की समस्याओं के निराकरण हेतु प्राथमिकता के साथ कार्य करना चाहिए । जनक नागल ने प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल उठाए और प्रॉपर्टी व्यवसायियों से आह्वान किया कि अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत देना बंद कर दे । धरना प्रदर्शन को संघ के अध्यक्ष राकेश पीपाड़ा, सुनील जोशी सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित करते हुए अपने हितों की लड़ाई लड़ने हटु एकजुट होने का आह्वान किया ।
दोपहर तीन बजे धरना समाप्त करने के बाद प्रॉपर्टी व्यवसायी एक वाहन रैली के द्वारा बड़ी संख्या में कलेक्टोरेट पहुंचे जहां नारेबाजी कर अपर कलेक्टर शालिनी श्रीवास्तव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ।
ज्ञापन में मुख्य रूप से कृषि भूमि के नामांतरण में 1956-57 के रिकॉर्ड की अनिवार्यता के मौखिक आदेश को तत्काल समाप्त करने की माँग की गई । इसके अलावा विभाजित भूखंडों के नामांतरण करने और निर्माण अनुमति देने, नामांतरण के साथ ही भूमि बटांकन एवं नक्शे में तरमीन किए जाने, प्रॉपर्टी की गाईड लाईन की वृद्धि के निर्णय में प्रॉपर्टी व्यवसाय से जुड़े संगठन से चर्चा कर उनकी भी राय ली जाए, नगर निगम द्वारा संपत्ति कर निर्धारण की विसंगति को दूर करने, स्टाम्प ड्यूटी अन्य प्रदेशों की भाँति कम करने की माँग भी ज्ञापन में की गई । ज्ञापन का वाचन राजेश जैन द्वारा किया गया, तत्पश्चात अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया ।
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