फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर रतलाम के युवक को कॉल कर डिजिटल अरेस्ट का प्रयास : बैंक डिटेल्स, चेक बुक लेकर अकेले कमरे में आने को धमकाया : सायबर सेल की मदद से बचा युवक
युवक द्वारा खाते में 10 लाख रुपए होना फर्जी अधिकारियों को बताया। इस पर फर्जी पुलिस अधिकारी द्वारा युवक को बैंक डिटेल्स और चेक बुक लेकर एक कमरे में अकेले आने के लिए कहा गया। फर्जी पुलिस अधिकारी द्वारा युवक को कहा कि कारवाई के दौरान आप डिजिटल अरेस्ट रहेगे इसलिए कॉल डिसकनेक्ट नहीं कर सकते तथा किसी से संपर्क नहीं कर सकते

रतलाम (प्रकाशभारत न्यूज) शहर की रिटायर्ड कॉलोनी निवासी एक युवक को डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया हैं। एक युवक के पास अनजान नंबर से कॉल आता है और कॉलर खुद को दिल्ली पुलिस अधिकारी बताकर युवक को कहते है कि आपके खाते में 80 लाख का इलीगल फंड आया है। आपके विरुद्ध धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है। फर्जी पुलिस अधिकारी द्वारा युवक को हाउस अरेस्ट या डिजिटल अरेस्ट के नाम के नाम पर धमकाते हुए युवक से अपनी बैंक डिटेल्स और बैंक बैलेंस की जानकारी मांगी।
युवक द्वारा खाते में 10 लाख रुपए होना फर्जी अधिकारियों को बताया। इस पर फर्जी पुलिस अधिकारी द्वारा युवक को बैंक डिटेल्स और चेक बुक लेकर एक कमरे में अकेले आने के लिए कहा गया। फर्जी पुलिस अधिकारी द्वारा युवक को कहा कि कारवाई के दौरान आप डिजिटल अरेस्ट रहेगे इसलिए कॉल डिसकनेक्ट नहीं कर सकते तथा किसी से संपर्क नहीं कर सकते।
पुलिस अधीक्षक रतलाम श्री अमित कुमार के मागदर्शन में सायबर सेल रतलाम द्वारा डिजिटल अरेस्ट जैसे सायबर फ्रॉड के प्रति लोगों को जागरूक करने तथा पीड़ित व्यक्तियों के बारे में जानकारी मिलते ही पीड़ित से संपर्क कर हरसंभव मदद करने का प्रयास किया जा रहा है। उक्त घटना पर युवक ने समझदारी से काम लेते हुए अपने भाई को बताया फिर उसके भाई द्वारा सायबर सेल से संपर्क करने की सलाह दी गई। युवक द्वारा सायबर सेल से संपर्क किया। सायबर सेल रतलाम द्वारा युवक को बिना डरे फर्जी पुलिस अधिकारियों से कॉल डिस्कनेक्ट करने को कहा। तथा किसी भी प्रकार की सेंसेटिव इनफॉर्मेशन या बैंक डिटेल्स को शेयर नहीं करने को कहा तथा सुरक्षा के दृष्टिगत बैंक खाते को टेंपरेरी फ्रिज करवाने हेतु कहा गया। सायबर सेल की टीम उ नि राजा तिवारी, आर मयंक व्यास, आर विपुल भावसार द्वारा युवक की काउंसलिंग कर युवक के मन से डर निकलकर आजकल सायबर अपराधियों द्वारा किए जा रहे डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के बारे में जागरूक किया गया। सायबर टीम द्वारा फर्जी मोबाइल नंबर की रिपोर्ट कर ब्लॉक करवाने की कारवाई की गई।
रतलाम पुलिस द्वारा डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए एडवायजरी भी जारी की गई है।
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