रतलाम: विभाजित प्लाट के मामले का निराकरण करने के लिए जावरा विधायक डॉ राजेंद्र पांडे ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र... पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा के पत्र का दिया हवाला

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को लिखे पत्र में जावरा विधायक डॉ राजेंद्र पांडे ने रतलाम के पूर्व महापौर शेलेन्द्र डागा के पत्र का हवाला देकर म.प्र. नगर पालिका अचल सम्पति अंतरण नियम 2016 का उल्लेख करते हुए निवेदन किया है कि विभाजित प्लाटो के ना नामान्तरण हो रहे, ना ही निर्माण की अनुमति मिल रही और ना ही लीज अवधि बढ़ाई जा रही है, जिसके कारण मध्यमवर्गीय परिवारों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है

Feb 2, 2025 - 11:53
Feb 2, 2025 - 12:00
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रतलाम: विभाजित प्लाट के मामले का निराकरण करने के लिए जावरा विधायक डॉ राजेंद्र पांडे ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र... पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा के पत्र का दिया हवाला

रतलाम,2 फरवरी (प्रकाशभारत न्यूज) हजारों मध्यम वर्गीय परिवार की परेशानी से जुड़े मुद्दे विभाजित प्लाट की समस्या के निराकरण के लिए जावरा विधायक डॉ राजेंद्र पांडे ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा है। जावरा विधायक ने अपने पत्र में रतलाम शहर के पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा के पत्र का हवाला दिया है।

मख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को लिखे पत्र में जावरा विधायक डॉ राजेंद्र पांडे ने रतलाम के पूर्व महापौर शेलेन्द्र डागा के पत्र का हवाला देकर म.प्र. नगर पालिका अचल सम्पति अंतरण नियम 2016 का उल्लेख करते हुए निवेदन किया है कि विभाजित प्लाटो के ना नामान्तरण हो रहे, ना ही निर्माण की अनुमति मिल रही और ना ही लीज अवधि बढ़ाई जा रही है, जिसके कारण मध्यमवर्गीय परिवारों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इस नियम के कारण नामान्तरण नहीं होने, लीज नहीं बढ़ने और भवन निर्माण अनुमति जारी नहीं होने से निकायों को भी राजस्व की हानि हो रही है।

जावरा विधायक डॉक्टर पांडे ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि प्रदेश के लाखो परिवारों को हो रही कठिनाईयों को दृष्टिगत रखले हुए मानवीय आधार पर नीतिगत निर्णय लेकर योग्य कार्यवाही करने का कष्ट करे।

पूर्व महापौर डागा ने उठाया था यह मुद्दा 

पूर्व महापौर शैलेन्द्र डागा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि वर्तमान में शासन के नियम (मध्यप्रदेश नगरपालिका (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम, 2016) के कारण रतलाम शहर सहित प्रदेश में टुकड़ों के प्लाट (विभाजित प्लाट) पर नामांतरण नहीं हो रहे है। न ही निर्माण की अनुमति मिल रही है। सबसे परेशानी वाली बात अब तो टुकड़े के प्लाट (विभाजित प्लाट) की लीज भी नहीं बढ़ाई जा रही रही है।ऐसे में हजारों परिवार की संपत्ति पर संकट के बादल छा गए है।

इनमें अधिकांश मध्यमवर्गीय और गरीब परिवार है, जिन्होने जिंदगी भर की कमाई से अपने छोटे से घर का सपना पूरा किया और अब लीज नहीं बढ़ने, नामांतरण नहीं होने और निर्माण की अनुमति नहीं। मिलने से एक तरह से उनकी संपत्ति शुन्य जैसी हो गई है। क्योंकि लीज अवधि नहीं बढ़ने से अब संपत्ति विक्रय भी नहीं हो सकती।

रतलाम शहर में ही ऐसे परिवार 5000 से अधिक की संख्या में है जिन्होंने इस नियम को सख्ती से लागू करने के कई वर्ष पूर्व टुकड़ों के प्लाट ( विभाजित प्लाट) या उस पर बने मकान खरीदे थे। अपने जीवन भर की पूंजी देकर अपने घर का सपना पूरा करने वाले इन परिवारों को उस समय इस नियम की जानकारी तक नहीं थी। आज यह सभी परिवार संकट में आ गए हैं और निगम के चक्कर काटने को मजबूर है। नामांतरण नहीं होने और लीज नहीं बढ़ने से ऐसी संपत्ति पर आवश्यकता होने पर बैंक लोन भी नहीं मिल पा रहा है।

इस नियम के कारण नामांतरण नहीं होने, लीज नहीं बढने, भवन निर्माण की अनुमति नहीं जारी होने से निकायों को भी राजस्व की हानी हो रही है। पूर्व महापौर ने सीएम से आग्रह किया था कि एक लाख से अधिक परिवार से जुड़े इस मुद्दे पर ध्यान देकर निराकरण किया जाना आवश्यक है।

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Sujeet Upadhyay Sujeet Upadhyay is a senior journalist who have been working for around Three decades now. He has worked in More than half dozen recognized and celebrated News Papers in Madhya Pradesh. His Father Late shri Prakash Upadhyay was one of the pioneer's in the field of journalism especially in Malwanchal and MP.