ट्रेड यूनियन संगठनों द्वारा 78 वर्ष पूर्व 16 जुलाई 1946 को शहर के मजदूर किसानों के आंदोलन के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
आज भी महंगाई राशन एवं रोजगारों की कमी है जो की चिंता का विषय है वर्तमान में सरकार द्वारा निरंतर प्राइवेटाइजेशन एवम् पूंजीपतियों को लाभ देने हेतु नीतियां बनाई जा रही हैं इससे अमीर और अमीर हो रहा है एवं गरीब और गरीब हो रहा है

रतलाम(प्रकाशभारत) 78 वर्ष पूर्व आज ही के दिन 16 जुलाई 1946 को शहर के मजदूर किसानों ने मिल बंदी महंगाई और राशन में कटौती के विरुद्ध तत्कालीन पूंजीवादी,सामंत शाही सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए एक विशाल आंदोलन किया था।
मजदूर किसानों के इस आंदोलन को बर्बरता पूर्वक दबाया गया एवं तत्कालीन व्यवस्था ने गोली चलाकर , मांगीलाल सूरजमल, दसाओ ठाकुर, नसीर बांसवरावाल, मंगल सिंह, अब्दुल रशीद 5 श्रमिकों की बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी उपरोक्त जानकारी देते हुए श्रम संगठनों की संयुक्त समिति अध्यक्ष अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने बताया कि प्रतिवर्ष शहर के ट्रेड यूनियन संगठनों द्वारा शहीदों को नमन किया जाता है इस अवसर पर वरिष्ठ कॉमरेड जसविंदर सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के 78 वर्ष बीतने के बाद भी स्थितियां में कोई बदलाव नहीं आया है
आज भी महंगाई राशन एवं रोजगारों की कमी है जो की चिंता का विषय है वर्तमान में सरकार द्वारा निरंतर प्राइवेटाइजेशन एवम् पूंजीपतियों को लाभ देने हेतु नीतियां बनाई जा रही हैं इससे अमीर और अमीर हो रहा है एवं गरीब और गरीब हो रहा है इस अवसर पर वरिष्ठ कॉमरेड एम एल नागावत, चरणसिंह ने भी अपने विचार रखे। श्रद्धांजलि सभा में एम आर यूनियन के अविनाश पोरवाल, रविन्द्र शर्मा, पेंशनर्स संघ के कीर्ति शर्मा सीटू के संजय व्यास, सज्जन मिल संघर्ष समिति के कॉम मदनलाल यादव, सहित विभिन्न ट्रेंड यूनियन साथी ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
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