श्रीमहालक्ष्मी की आरती से शुरू हुआ पांच दिवसीय दीपोत्सव : आभूषणों और नोटों से सजा मां का दरबार : कलेक्टर-एसपी ने सपत्नी की मां की आरती
रतलाम के माणकचौक स्थित प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त सजावट के लिए सोने-चांदी के आभूषण, सिक्के, मूर्तियां, हीरे-मोती, नोट, तिजोरी आदि देते हैं। इस बार माता के दरबार को सजाने में करीब साढ़े 800 से अधिक भक्त मंदिर नगदी सहित तरह-तरह की सामग्री दे चुके हैं

रतलाम (प्रकाशभारत न्यूज) धनतेरस पर्व पर मां महालक्ष्मी का दरबार आभूषणों और नोटों से दमकने के साथ पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। भारत में रतलाम का एकमात्र महालक्ष्मी मंदिर ऐसा है जहां पर धनतेरस से भाईदूज पर्व तक मंदिर को वर्षों से श्रद्धालुओं के आभूषण और नकदी से सजाया जाता है। अबकी बार मां लक्ष्मी के दरबार में 1 करोड़ 47 लाख से अधिक राशि के अलावा करीब 5 करोड़ से अधिक राशि के आभूषणों से सजाया गया है। मां के वैभवशाली दरबार में धनतेरस से रतलाम सहित आसपास के राज्यों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन कर मनोकामनाएं मांगने आते हैं।
रतलाम के माणकचौक स्थित प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त सजावट के लिए सोने-चांदी के आभूषण, सिक्के, मूर्तियां, हीरे-मोती, नोट, तिजोरी आदि देते हैं। इस बार माता के दरबार को सजाने में करीब साढ़े 800 से अधिक भक्त मंदिर नगदी सहित तरह-तरह की सामग्री दे चुके हैं। बता दें कि 28 अक्टूबर 2024 तक मंदिर को सजाने के लिए भक्तों से सामग्री ली गई थी।
आरती में सपत्नी पहुंचे कलेक्टर-एसपी
सोमवार देर रात सजावट का कार्य पूर्ण होने के बाद पांच दिवसीय दीपोत्सव के पहले दिन धनतेरस पर मंगलवार की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के पट खोले गए। बड़ी संख्या में भक्तों के पहुंचने के साथ यहां पर मां लक्ष्मी के दर्शन करने कलेक्टर राजेश बाथम और एसपी अमित कुमार भी सपत्नी पहुंचे। महाआरती के दौरान कलेक्टर-एसपी के अलावा भाजपा नेता मदन सोनी भी मौजूद थे।
श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए कतार व्यवस्था
मंदिर में दर्शन के लिए अनेक स्थानों से भक्त पहुंचेंगे। धनतेरस से माता लक्ष्मी का विशेष शृंगार होंगे। श्रद्धालु भाईदूज तक दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद श्रद्धालुओं को सामग्री लौटाने का सिलसिला प्रारंभ होगा। उल्लेखनीय है कि माणकचौक महालक्ष्मी मंदिर में भक्तजन अपनी इच्छा से नगदी, सोने-चांदी के जेवर, सिल्ली, हीरे-मोती आदि सामग्री शृंगार के लिए देते हैं। इस सामग्री से होने वाले विशेष शृंगार को लेकर मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है। इस बार भी रतलाम के अलावा बांसवाड़ा, दाहोद, पीथमपुर सहित अन्य जिलों से भी भक्त सामग्री देने रतलाम आए हैं। पांच दिवसीय दीपोत्सव के दौरान सुरक्षा के लिए मंदिर समिति व पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
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