सीवरेज में गोलमाल : रतलाम नगर निगम सीवरेज की राशि 124 करोड़ का टेंडर बढ़ाकर 142 करोड़ का कर दिया : मकान भी घटाकर 53273 से 43273 कर दिए : विधायक प्रताप ग्रेवाल के प्रश्न के उत्तर में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी जानकारी

प्रारंभिक टेंडर में सीवर की गंदगी को साफ करने के लिए 6 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट , जो प्रत्येक प्लांट लगभग 65 लाख रुपए का था , राज्य स्तरीय तकनीकी समिति ने उन्हें घटाकर मात्र दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट कर दिए । जिससे ठेकेदार को लगभग ढाई करोड़ का अतिरिक्त लाभ भी प्राप्त हुआ

Mar 17, 2025 - 17:16
Mar 17, 2025 - 17:17
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सीवरेज में गोलमाल : रतलाम नगर निगम सीवरेज की राशि 124 करोड़ का टेंडर बढ़ाकर 142 करोड़ का कर दिया : मकान भी  घटाकर 53273 से 43273 कर दिए : विधायक प्रताप ग्रेवाल के प्रश्न के उत्तर में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी जानकारी

रतलाम (प्रकाशभारत न्यूज)रतलाम नगर निगम में अमृत मिशन एक के तहत सीवरेज योजना की राशि जो 123.85 करोड़ थी,को राज्य स्तरीय तकनीकी समिति न तीसरे प्राइस ब्रेकअप शेड्यूल के आधार पर बढा कर 141.44 करोड़ का कर दिया गया और मकान की संख्या 53273 से घटकर 43273 कर दी  । राशि में 14.20% की वृद्धि हुई और मकान की संख्या में 10% की कमी हो गई । ठेकेदार की लागत राशि में वृद्धि और मकान की संख्या में कमी राज्य स्तरीय तकनीकी समिति  द्वारा दिनांक 2/10/2022 को दी गई । यह जानकारी विधायक प्रताप ग्रेवाल के प्रश्न के उत्तर में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी ।

कैलाश विजयवर्गीय बताया कि नगर निगम रतलाम के सीवरेज योजना का टेंडर 120.54 करोड़ का था जो 123.85 करोड़ का स्वीकृत हुआ । तकनीकी समिति की प्रथम प्राइस ब्रेकअप रिपोर्ट में राशि को 122.75 करोड़ किया गया । उसके बाद दूसरी रिवाइज्ड प्राइस ब्रेकअप शेड्यूल में राशि को बढ़ाकर 128.28 करोड़  कर दिया गया ,‌ लेकिन 2ं/10/2022 को तीसरी रिवाइज प्राइस बैकअप शेड्यूल में कैपिटल कॉस्ट तथा संचालन और संधारण में बढ़त को सम्मिलित कर राशि बढ़ाकर  141.44 करोड़ कर दिया गया । तथा टेंडर में दिए गए 53273 मकान में से रेलवे और औद्योगिक क्षेत्र को हटाने के बाद कुल शहरी मकान की संख्या को 43273 कर दिया गया । इससे ठेकेदार को टेंडर से 14.20% अधिक राशि मिली,और मकान की संख्या 10% से कमी होने का अतिरिक्त लाभ प्राप्त हुआ । 

प्रारंभिक टेंडर में सीवर की गंदगी को साफ करने के लिए 6 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट , जो प्रत्येक प्लांट लगभग 65 लाख रुपए का था , राज्य स्तरीय तकनीकी समिति ने उन्हें घटाकर मात्र दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट कर दिए । जिससे ठेकेदार को लगभग ढाई करोड़ का अतिरिक्त लाभ भी प्राप्तहुआ ।

प्रताप ग्रेवाल के उत्तर में माननीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की ने स्वीकार किया कि शहर में कई स्थानों पर रहवासियों ने सीवर पाइप को तोड़कर , कनेक्शन विच्छेद कर , सीवर का पानी नाली में प्रवाहित कर दिया है । उन्होंने कहा कि सीवर कलेक्शन को पुनः यथास्थिति करने की संपूर्ण जवाबदेही भवन स्वामी की है । प्रताप ग्रेवाल ने प्रश्न किया कि यदि भवन स्वामी पुनः सीवर कनेक्शन नहीं जोड़ेगा , तो क्या पूरे रतलाम की नालियों में सीवर का गंदा पानी हमेशा बहता रहेगा ?  फिर इस योजना पर 200 करोड़ खर्च करने का क्या लाभ है ।

141.44 करोड़ की नई लागत में 138 करोड़ की स्वीकृति केंद्र सरकार से दी गई तथा 3.44 करोड़ की बढ़ोतरी का भुगतान नगरपालिक निगम रतलाम द्वारा  किया जाएगा‌, जिसकी सहमति आयुक्त महोदय ने दी । जबकि आयुक्त महोदय को इतनी बड़ी राशि की स्वीकृति महापौर परिषद से लिए बिना, स्वीकृति देने की अधिकारिता ही नहीं है। और नगर निगम अधिनियम अनुसार  टेंडर की राशि में वृद्धि को नगर निगम परिषद की बैठक में स्वीकृत करवाना जरूरी था ।

प्रताप ग्रेवाल ने पूछा था कि रतलाम नगर निगम में प्रत्येक मकान के आउटफ्लो को मात्र दो फिट दूर के चेंबर से जोड़ने के लिए ₹3000 का भुगतान किया गया तो अन्य शहरों में यह राशि कितनी कितनी है । मंत्री जी ने बताया कि भोपाल और छिंदवाड़ा में मकान को जोड़ने की राशि माप अनुसार रखी गई , जबकि सागर में प्रति मकान  2000 , कटनी में 2047 , देवास में 2700 रुपए के हिसाब से दिए गए । 

प्रताप ग्रेवाल के प्रश्न के उत्तर में , मकान की संख्या 43273 क्यों की गई तो मंत्री जी ने बताया कि रेलवे और औद्योगिक क्षेत्र के मकान कम किए गए । जबकि नगर निगम द्वारा केंद्र सरकार को भेजी गई नगर स्वच्छता योजना तथा जल संतुलन योजना के फॉर्मेट में दिखाया गया की 2011 में नगर निगम रतलाम में 2.65 लाख आबादी , तथा 54504 मकान थे, जो  2016 में  3.32 लाख आबादी तथा मकान की संख्या 66200 है । 2026 तक आबादी 3.55 लाख तथा मकान की संख्या 71000 हो जाएगी । जबकि केंद्र को भेजे गए एक अन्य फॉर्म में नगर निगम ने बताया की रतलाम में 2025-26 तक की स्थिति में 77467 मकान है जिसमें से 14536 स्लम एरिया के मकान है । जिसमें से 43653 मकान को सीवर  कनेक्शन की सुविधा दी गई है और 33814 मकान अभी इस सुविधा से वंचित है । 

प्रताप ग्रेवाल ने कहा कि सारे आंकड़े इस योजना में डेढ़ सौ करोड़ के घोटाले की पोल खोल रहे हैं । जब 53237 मकान थे तब उसे घटाकर 43273 कर दिया गया और कहा गया कि शहर में इतने ही मकान है । शेष मकान रेलवे और औद्योगिक क्षेत्र है । जबकि अमृत योजना दो में  प्रस्तावित 80 करोड़ की राशि स्वीकृत करवाने के लिए इन्हीं मकान की संख्या बढ़ाकर 77469 बताई गई और  यह कहा गया की 33814 मकान को सीवर सुविधा देना है ।

प्रताप ग्रेवाल ने कहा कि ठेकेदार को कितना भुगतान किया गया 6 एसटीपी के स्थान पर मात्र दो एसटीपी की स्वीकृति क्यों दी गई । और इस प्रकार ठेकेदार को  करोड़ों का अतिरिक्त लाभ भी दिया गया । दो एसटीपी में रतलाम के सीवर के पानी‌ और ठोस अपशिष्ट  को साफ करना तकनीकी रूप से संभव ही नहीं है ।  

प्रताप ग्रेवाल ने नगर निगम प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर पूछा कि कितना भुगतान किया गया , कितने मकान को फ्रंट लाइन से तथा कितने मकान को बेकलाइन से जोड़ा गया,  ठेकेदार को 141.44 करोड़ के अतिरिक्त और कितना भुगतान बेकलाइन से जोड़ने के लिए किया गया ।  प्रमुख सचिव ने पत्र का उत्तर देने के लिए नगर निगम को 28 फरवरी को भेज दिया । जिसका आज दिनांक तक नगर निगम ने विधायक प्रताप ग्रेवाल को उत्तर नहीं दिया । 

प्रताप ग्रेवाल ने कहा कि  सीवरेज में ठेकेदार को 90% वेरिएबल ग्रांट फंड (वीजीएफ) की राशि भी दी गई है । जिसे सरकार बताने से छुपा रही है । और इसके बाद भी योजना तकनीकी रूप से बुरी तरह से फ्लॉप हो गई है , शहर की प्रत्येक नाली आज सीवर की गंदगी से भरी हुई है , और इसी कारण शहर में बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है । इस योजना में डेढ़ सौ करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है ।

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Sujeet Upadhyay Sujeet Upadhyay is a senior journalist who have been working for around Three decades now. He has worked in More than half dozen recognized and celebrated News Papers in Madhya Pradesh. His Father Late shri Prakash Upadhyay was one of the pioneer's in the field of journalism especially in Malwanchal and MP.