भगवान श्री हनुमानजी द्वारा सिखाई गई अनन्य भक्ति के लक्षणों को जीवन में चरितार्थ करना चाहिए : दो दिवसीय सत्संग भक्ति संगीत के साथ कथा संकीर्तन संपन्न
उन्होंने कहा कि भगवान श्री रामचंद्रजी के जीवन चरित्रों द्वारा हमे बताया गया है कि जीवन में स्नेहपूर्ण वाणी, मर्यादा पूर्ण आचरण, मातापिता आज्ञा को सर्वोच्च मानना, अपने से बड़ों का आदर और छोटे का सम्मान, अपना बुरा करने वाले के साथ भी स्नेहपूर्ण बर्ताव आदि सद्गुण की प्रेरणा लेनी चाहिए

रतलाम (प्रकाशभारत न्यूज) राम नवमी, महावीर जयंती , स्वामीनारायण जयंती, एवं हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर इंदौर द्वारा स्थानीय गुजराती समाज स्कूल परिसर में आयोजित द्विदिवसीय कथा संकीर्तन में जोधपुर स्वामीनारायण मंदिर से पधारे संत पूज्य योगीप्रेम स्वामीजी द्वारा अद्भुत भक्तिरस का लाभ रतलाम के सद्भावी भक्तों की मिला।इस अवसर पर कई जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी जनता ने उपस्थित होकर धर्म लाभ मिला ।
इस दो दिवसीय संकीर्तन में संत योगी प्रेम स्वामी ने संगीतमय कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि मनुष्य को सुख और आंतरिक शांति केलिए हमेशा भगवान की भक्ति और सच्चे संत के सत्संग समागम का एकमात्र उद्देश्य जीवन में रखना चाहिए जिससे मनुष्य जीवन में कई सद्गुणों का संचार होता है
उन्होंने कहा कि भगवान श्री रामचंद्रजी के जीवन चरित्रों द्वारा हमे बताया गया है कि जीवन में स्नेहपूर्ण वाणी, मर्यादा पूर्ण आचरण, मातापिता आज्ञा को सर्वोच्च मानना, अपने से बड़ों का आदर और छोटे का सम्मान, अपना बुरा करने वाले के साथ भी स्नेहपूर्ण बर्ताव आदि सद्गुण की प्रेरणा लेनी चाहिए। *भगवान श्री हनुमानजी* द्वारा सिखाई गई अनन्य भक्ति के लक्षणों को जीवन में चरितार्थ करना चाहिए।
*भगवान श्री स्वामीनारायण* के दिव्य जीवन चरित्रों द्वारा हमे जीवन में विनम्रता,प्रेम, दुराचारमुक्त सामाजिक जीवन, परोपकार की भावना, मोक्ष प्राप्ति हेतु सच्चे संत का शरण लेना, आदि उत्तम गुणों से युक्त सदाचारी जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है।
*भगवान श्री महावीर स्वामीजी* के बताए सत्य, अहिंसा, मधुरवाणी, ब्रह्मचर्य,नैतिकता और आत्मसंयम के मूल्य हमे जीवन में प्रगति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते है।
यह माटी की काया माटी में मिल जाए उससे पूर्व मनुष्य जन्म पाने का एकमात्र उद्देश्य है *प्रभुभक्ति* यह ध्येय हमे समय व्यय किए बिना साध लेना चाहिए इसी केंद्रीय विचार के साथ पूज्य योगीप्रेम स्वामीजी ने रतलाम के सभी वासियों के जीवन में शांति, संप, सुहृदभाव और एकता का संचार हो ऐसी भद्र प्रार्थना प्रकट *गुरुहरी महंत स्वामीजी महाराज* के चरणों में करके संकीर्तन का समापन किया।
इस दो दिवसीय आयोजन में पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय ,महापौर प्रहलाद पटेल, समाज सेवी सुरेंद्र सुरेका, नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, पार्षद एवं एम आई सी सदस्य विशाल शर्मा सहित कई विशिष्ट महानुभावों ने उपस्थित होकर संकीर्तन का लाभ लिया ।
रतलाम में भी अक्षरधाम मंदिर निर्माण की अभिलाषा ।
सत्संग में उपस्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम के हरि भक्तों ने योगी प्रेम स्वामी एवं अक्षर धाम मंदिर इंदौर के संचालक विमल सेवा स्वामी से रतलाम में भी मंदिर निर्माण की भावना व्यक्त की जिस पर स्वामी जी ने कहा कि यदि भाटों की भावना है तो वह अवश्य पूरी होगी ।
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