पुनर्वास के बढ़ते कदम अपना घर आश्रम : फिर मिलाया 1 वर्ष से बिछड़े पुत्र को पिता से
लगभग 8 माह पहले राहुल पाटीदार जी की सूचना पर अपना घर आश्रम, रतलाम की रेस्क्यू टीम द्वारा रेस्क्यू करके अपना घर आश्रम में लाया गया था प्रभु जी की मानसिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी।

रतलाम (प्रकाशभारत न्यूज ) पुनर्वास के बढ़ते हुए क्रम में आज एकऔर प्रभु जी का अपने पिताजी से भव्य मिलन करवाया। शनिवार को अपना घर आश्रम,रतलाम ने लगभग़ 1 वर्ष पूर्व बिछड़े कालूराम प्रभु जी का पिता से मिलन करवाया l
लगभग 8 माह पहले राहुल पाटीदार जी की सूचना पर अपना घर आश्रम, रतलाम की रेस्क्यू टीम द्वारा रेस्क्यू करके अपना घर आश्रम में लाया गया था प्रभु जी की मानसिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी।
प्रवेश के समय प्रभु जी अपना नाम ,पता ,बताने में असमर्थ थे प्रभु जी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह चुपचाप रहते थे लेकिन धीरे-धीरे परमपिता परमात्मा की कृपा और अपना घर आश्रम, रतलाम द्वारा प्रभु जी की सेवा की गई और आश्रम में डॉक्टर कपिल देव आर्य एवं डॉक्टर गौरव चित्तौड़ा एवं उनकी समस्त मेडिकल टीम के उपचार और आश्रम के सेवा साथियों के प्रयासों के बाद कालूराम प्रभु जी की मानसिक स्थिति में सुधार होने लगा अभी 10 दिन पूर्व प्रभु जी से बातचीत करते हुए उन्होंने अपना नाम एवं पता बताया उसके बाद आश्रम के कार्यालय प्रभारी प्रदीप कुमार द्वारा इंटरनेट के माध्यम से उनके गांव के सरपंच का मोबाइल नंबर निकाल कर और उनके द्वारा बताए गए पते की पुष्टि कर उनके घर का पता लगाया गया और उनके घर वालों की खोज करके उन्हें सूचित कर दिया गया आज उनके पिताजी एवं उनके जीजाजी उन्हें लेने के लिए आश्रम आए हैं उनके परिवार में उनके पिता श्रीमान मोहन सिंह बारेला जी एवं जीजाजी मुकेश डुडवे जी उन्हें लेने के लिए अपना घर आश्रम ,रतलाम आए हैं श्री कालूराम प्रभु जी को 1 साल बाद मिलकर उनकी आंखों से आंसू छलक उठे एवं आपस में एक दूसरे को देख कर खुशी से रोने लगे मोहन सिंह बारेला ने आश्रम का धन्यवाद किया और श्री कालूराम प्रभु को आश्रम से विदा करा अपने निवास स्थान हेतु प्रस्थान किया
अपना घर आश्रम रतलाम ,परिवार द्वारा कालूराम प्रभु जी को उनके पिता के साथ खुशी-खुशी विदाई दी गई उनके पिता उन्हें लेकर ग्राम व पोस्ट चाचरीया, तहसील - सेंधवा,बलखड़, बरवानी , मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गए हैं ।
कार्यालय प्रभारी श्री प्रदीप कुमार जी ने कार्यालय कार्यवाही पूर्ण की एवं कालूराम प्रभु जी को उनके पिताजी मोहन सिंह के साथ अपने गांव के लिए रवाना किया
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