पुनर्वास :17 साल पूर्व बिछड़े पिता का पुत्र से मिलन पीड़ित मानव सेवा का पावन तीर्थ अपना घर आश्रम रतलाम
अपने पिता को 17 साल तक खोजता रहा पुत्र

रतलाम (कचरू राठौर) पुनर्वास के बढ़ते क्रम में आज दिनांक 10.03.2024 को अपना घर आश्रम रतलाम से एक आवासी प्रभुजी को उनके पुत्र के साथ पुनर्वास किया गया,इन प्रभुजी को दिनांक 07.08.2023 को गीता मंदिर रोड ,रतलाम से सेवा उपचार हेतु भर्ती किया गया था,प्रवेश के समय प्रभुजी अपने बारे में कुछ भी नहीं बता पा रहे थे संस्था द्वारा इनका नाम श्री सुदामा प्रभुजी रखा गया था! प्रभु जी के मानसिक उपचार के लिए इन्हे मेडिकल कॉलेज,रतलाम हॉस्पिटल में मनोचिकित्सक डॉ. गौरव चित्तौड़ा जी एवं डॉ.कपिल जी को दिखाया गया जहां लगभग 06 माह से उपचार चल रहा था प्रभुजी की बार बार काउंसलिंग में कार्यालय प्रभारी श्री प्रदीप कुमार जी द्वारा उनके घर का पता लगाया गया और उनके नजदीकी थाने पर सूचना भेजी गई वहां से गांव के प्रधान श्री भुल्लन जी के द्वारा इनके परिवार से वीडियो कॉल पर बात करवाई गई तो इनकी पुत्री एवं इनके पुत्र ने इन्हे पहचान लिया और कॉल पर ही रोने लगे उनके द्वारा जानकारी दी गई कि हमारे पिताजी घर से बिना बताए 17 साल पहले निकल गए थे उस समय हम बहुत छोटे थे,हमने इन्हें बहुत जगह तलाश किया और नजदीक थाने में इनकी गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई थी तो आज इनके पुत्र और साले साहब इन्हे लेने आश्रम पहुंचे तो पुत्र और साले साहब प्रभुजी से गले मिलकर फूट फूट कर रोने लगे और उनकी आंखों से खुशी के आंसू झलक उठे प्रभु जी के पुत्र और साले साहब उन्हे अपने साथ अपने ग्राम चकिया,तहसील मिर्जापुर बनारस (उत्तर प्रदेश) के लिए रवाना हुए
कार्यालय कार्यवाही पूर्ण करने के बाद प्रभुजी को उनके पुत्र और साले साहब के साथ ग्राम चकिया,जिला बनारस उत्तर प्रदेश के लिए पुनर्वास कर दिया है। अपना घर आश्रम परिवार सुदामा प्रभुजी के स्वस्थ रहने की कामना करता है
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