कोठारी मुखर.... काश्यप मौन
वहीं पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी प्रदेश में सरकार होने के बावजूद जिम्मेदारों पर खुलेआम सवाल खड़े कर रहे हैं जो बताता है कि कोठारी वास्तव में सड़क के नेता है।

चर्चा चौराहे की......
सुजीत उपाध्याय
रतलाम (प्रकाशभारत न्यूज) अपने शहर की चिंता करना हर नागरिक का फ़र्ज़ होता है और जनप्रतिनिधि का दायित्व तो जनता के प्रति और बढ़ जाता है जब शहर का विकास जनता के पैसे से होता है।
पर लगता है भारतीय जनता पार्टी के नेता और जनप्रतिनिधि सत्ता के नशे में चूर हैं वहीं दूसरी और मप्र के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी पीछे चार माह में दो बार नगर निगम जा कर शहर में बन रही घटिया सड़कों की शिकायत कमिश्नर से कर आए और अब तो उन्होंने अनशन तक की चेतावनी दे डाली।बावजूद इसके ना तो मंत्री चेतन्य कश्यप के और ना ही और महापौर के कानों में जू रेंग रही है।
शहर में होने वाले हर छोटे बड़े विकास कार्यों का श्रेय लेने वाले और अधिकारियों को अपनी हवेली पर बुला कर प्रचार करवाने वाले मंत्री कश्यप कम से कम महापौर या कमिश्नर से इस विषय पर बात तो कर ही सकते थे, लेकिन उन्होंने बात करना भी मुनासिब नहीं समझा ।
अब जनता में भी ये चर्चा आम है कि भाजपा में भी गुटबाजी का विशुद्ध कांग्रेसी गुण आ ही गया है। सबसे आश्चर्य की बात तो ये है कि जिला भाजपा अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय जो श्री कोठारी की शिष्य रहे हैं उन्होंने भी महापौर से इस विषय में कोई जानकारी नहीं ली।
वहीं पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी प्रदेश में सरकार होने के बावजूद जिम्मेदारों पर खुलेआम सवाल खड़े कर रहे हैं जो बताता है कि कोठारी वास्तव में सड़क के नेता है।
मंत्री कश्यप भले ही हजारों मतों से जीतते आ रहे है लेकिन शहर में घटिया सड़कों जैसे अहम मुद्दे पर उनकी चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है। जो भी हो भले भाजपा के मंत्री, महापौर या जिला अध्यक्ष कुछ न बोले पर शहर की जनता सब देख रही है।
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