नगर निगम द्वारा पांच सालों का अतिरिक्त सम्पत्तिकर वसूलने का कांग्रेस ने किया विरोध : जनता पर कर का बोझ बर्दाश्त नहीं करेंगे : टैक्स वसूली को निरस्त नहीं किया तो करेंगे जन आंदोलन
राजपत्र क्रमांक 46 दिनांक 13 नवंबर 2020 के शास्ति के साथ नियम 6 के तहत अधिभार (सरचार्ज) की मौखिक मांग अनुचित है जबकि नियम 12 में अधिभार का उल्लेख नहीं किया गया है, तथा नियम 12 के पैरा 3 में भी स्पष्ट लिखा है कि आयुक्त द्वारा पुनर्निर्धारण में पारित आदेश के अनुसार मेयर-इन-काउंसिल में अपील की जा सकती है

रतलाम (प्रकाशभारत न्यूज) शहर कांग्रेस और पार्षद दल ने भाजपा की नगर निगम सरकार द्वारा आम जनता से पिछले पांच सालों का अतिरिक्त सम्पत्ति कर वसुली करने के विरोध में निगम निगम पर जोरदार नारेबाजी कर निगम कमिशनर हिमांशु भट्ट को ज्ञापन सौंपा।
कांग्रेस पार्षद दल ने बड़े हुए संपति कर वृद्धि को तत्काल समाप्त करने और जनता पर अतिरिक्त बोझ डालने का विरोध किया है।
निगम कमिश्नर को सौंपे गए ज्ञापन में कांग्रेस में मांग की है कि
1. नगर निगम के आदेश पर निजी कंपनी द्वारा सेटेलाइट के माध्यम से किए गए सर्वेक्षण के आधार पर संपत्ति कर में राजपत्र क्रमांक 46 दिनांक 13 नवंबर 2020 के नियम 12 के तहत स्व-निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण के अंतर की रकम के 5 गुना शास्ति तथा नियम 6 के तहत अधिभार की मौखिक मांग की जा रही है। जबकि अधिनियम की धारा 143 के अधीन पुनर्निर्धारण / मूल्यांकन के कारण वृद्धि का आधार प्रकट करते हुए भवन मालिक को धारा 146 के तहत सूचना पत्र दिया जाना चाहिए।
2. पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया में अधिनियम के उपबंधों के अधीन कार्यवाही नहीं की गई। इस संदर्भ में धारा 145 अथवा धारा 146 के तहत सार्वजनिक सूचना प्रकाशित नहीं की गई जिस एजेंसी की यह को यह कार्य दिया गया उसका चयन किस प्रक्रिया से किया गया? कितना भुगतान किया? सुसंगत एवं उसके अनुसार अपनी गई प्रक्रिया उचित है, इस संदर्भमें शासन की किस संस्था द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया इसकी भी कोई जानकारी प्रकाशित नहीं की गई। तथा धारा 147 के तहत मूल्यांकन प्रक्रिया / पुनर्निर्धारण प्रक्रिया पर आपत्ति प्राप्त नहीं की गई।
3. अधिनियन की धारा 149 के तहत कर निर्धारण के आधार या सिद्धांत के संबंध में, निर्धारित धनराशि के संबंध में निगम आयुक्त के निर्णय के विरुद्ध जिला न्यायालय में वाद तभी दायर किया जा सकता है, जब सूचना पत्र पर धारा 147 के तहत आपत्ति की गई हो, तथा आयुक्त द्वारा धारा 148 के तहत प्रक्रिया अपनाकर अपील का निरूपण कर दिया गया हों। इस कथन से स्पष्ट है कि भवन मालिक को सूचना पत्र नहीं दिया गया तो. उसके संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा। उल्लेखनीय है कि कर निर्धारण करते समय आयुक्त अर्द्ध न्यायिक प्राधिकारी होता है। अतः यह जरूरी है कि वह भवन मालिक को आपत्ति के उचित अवसर प्रदान करें।
4. राजपत्र क्रमांक 46 दिनांक 13 नवंबर 2020 के शास्ति के साथ नियम 6 के तहत अधिभार (सरचार्ज) की मौखिक मांग अनुचित है जबकि नियम 12 में अधिभार का उल्लेख नहीं
किया गया है, तथा नियम 12 के पैरा 3 में भी स्पष्ट लिखा है कि आयुक्त द्वारा पुनर्निर्धारण में पारित आदेश के अनुसार मेयर-इन-काउंसिल में अपील की जा सकती है। लेकिन भवन मालिक को जब तक धारा 146 के तहत, वृद्धि का कारण सहित सूचना पत्र नहीं दिया जाएगा, वह आपत्ति कैसे दर्ज कर सकता है?
5. संपत्ति कर के मूल्यांकन / पुनर्निर्धारण के लिए अधिनियम के सारे उपबंधों का अनुपालन किया जाना चाहिए जो नही किया गया है
(क) मूल्यांकन / पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया की सार्वजनिक सूचना प्रकाशित नहीं की गई।
(ख) मूल्यांकन / पुनर्निर्धारण प्रक्रिया पर आपत्ति का अवसर नहीं दिया गया।
(ग) मूल्यांकन/पुनर्निर्धारण के बाद संबंधित मूल्यांकन की सूची बनाकर आग जनता
को अवलोकनार्थ सार्वजनिक सूचना नहीं दी गई।
(घ) भवन स्वामी को मूल्यांकन की इस प्रकार वृद्धि का, वृद्धि के आधारों सहित वृतांत सूचना पत्र नहीं दिया गया।
(ङ) भवन स्वामी को संपत्ति कर में वृद्धि कर मेयर इन काउंसिल में आपत्ति दर्ज करने का अवसर नहीं दिया गया।
(च) भवन स्वामी को जिला न्यायालय में वाद दायर करने का अ
वसर नहीं दिया गया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तथा कांग्रेस पार्षद दल ने नगर निगम द्वारा संपत्ति कर मे भवन स्वामियों से अधिनियम के उपबंधों का पालन न कर गैर कानूनी एवं अवैध वसूली का सख्त विरोध करते हुए मांग कि इसे निरस्त किया जाय।
कांग्रेस ने चेताया हे कि अगर निगम प्रशासन ने अगर अपनी हठधर्मीता के चलते अवैध वसूली को निरस्त नहीं किया तो कांग्रेस सड़क पर जन आंदोलन करेगी।
विरोध प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा, उपनेता कमरुद्दीन कचवाया, शहर कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह अठाना, पारस सकलेचा,सचेतक आशा रावत, राजीव रावत, हितेश पेमल, कविता माहवार, नासिर कुरैशी,वाहिद शेरनी,प्रदीप राठौर,हेमंत नेका, श्याम सुंदर शर्मा, सुनील पाटिल,भारत सेन, बसंत पंड्या,वीरेंद्र प्रताप सिंह,सलीम बागवान, रजनीकांत व्यास, विजय पंड्या,अनिल नाडेंचा, पियूष बाफना,शेरू खान, आदि मौजूद थे।
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