कुश्ती में खूब दिखी भाजपा की नूरा कुश्ती........
मामला मंत्री जी तक भी पहुंच गया। इन सब घटनाक्रम से मंत्री कश्यप, जिला अध्यक्ष, और महापौर नाराज बताए जा रहे हैं।

चर्चा चौराहे की.......
सुजीत उपाध्याय
रतलाम (प्रकाशभारत न्यूज) पुरानी कहावत हैं कि जब सत्ता आती हैं तो साथ में अंहकार भी आता है और विश्व का सबसे ज्यादा अनुशासित दल भाजपा भी इस से अछूता नहीं रहा।
ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब भारतीय जनता पार्टी के खेल प्रकोष्ठ ने त्रिवेणी में कुश्ती का आयोजन रखा। पर कुश्ती के आयोजन के पहले ही भाजपा के पदाधिकारी और पार्षद से खेल प्रकोष्ठ को कुश्ती लड़ने पड़ गई। यहां तक कि इस कुश्ती में जिला अध्यक्ष और महापौर को भी कूदना पड़ा।
खेल प्रकोष्ठ के जिम्मेदारों को कुश्ती के गद्दे के लिए पहली कुश्ती , भाजपा जिला अध्यक्ष बनने के सपने पाल कर बैठे एक पहलवान से लड़ना पड़ी। क्योंकि गद्दे उनके कब्जे में थे । खेल विभाग के गद्दे होने के बाद भी वे गद्दे देने को राजी नहीं हुए। आखिर में मामला जिला अध्यक्ष के पास पहुंचा और बड़ी मान मानव्वल के बाद नेताजी माने। वैसे ये नेताजी कुश्ती के आयोजन में महत्व नहीं मिलने से नाराज थे।
दूसरी कुश्ती, खेल प्रकोष्ठ को एक पार्षद से लड़ना पड़ी ये वही पार्षद है जिनके परिवार का रतलाम में पहलवानी से पुराना नाता रहा है जो बोर्ड पे अपना फोटो नहीं होने से फूफा बन, नाराज होकर मानस भवन में होने वाले आयोजन में अड़ंगा लगा बैठे , बात महापौर तक पहुंच गई। महापौर की बात भी पार्षद, मानने को तैयार नहीं हुए और आखिर में कुश्ती का आयोजन खुले मैदान में करना पड़ा।
मामला मंत्री जी तक भी पहुंच गया। इन सब घटनाक्रम से मंत्री कश्यप, जिला अध्यक्ष, और महापौर नाराज बताए जा रहे हैं।
जो भी हो अब भाजपा में ये अंदरूनी कुश्ती भविष्य में क्या रूप लेगी ये तो बाद में पता चलेगा पर एक बात पक्की है कि अब अनुशासन वाली पार्टी में भी अनुशासनहीनता का जमकर बोल बोला है।
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