एमटीएफई क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड से आमजनता को फंसाकर ठगने का मामला : पुलिस जापान और सिंगापुर बेस्ड कंपनियों से 44 लाख रुपए सीज कर वापस भारत लेकर आई
रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने इस सफलता का श्रेय सायबर सेल प्रभारी अमित शर्मा और उनकी टीम की सतत मेहनत को दिया

रतलाम(प्रकाशभारत) करीब 11 माह पूर्व आमजनता को क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से 30 प्रतिशत मासिक रिर्टन का लालच देकर ठगने वाले गिरोह के 8 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की हैं।
बहुचर्चित एमटीएफई क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड में रतलाम पुलिस ने जापान और सिंगापुर बेस्ड कंपनियों से 44 लाख रुपए सीज कर भारत वापस लेकर आई है। यह उपलब्धि मध्य प्रदेश पुलिस के इतिहास में पहली बार दर्ज हुई है। करीब 11 माह के प्रयास में आमजनता को क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से 30 प्रतिशत मासिक रिर्टन का लालच देकर ठग गिरोह तक पहुंचना और उनके खातों के माध्यम से विदेशों में रुपए पहुंचने के बाद उसे न्याय प्रक्रिया सहित विदेशों में दूतावास से संपर्क कर यह कामयाबी हासिल हुई है। रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने इस सफलता का श्रेय सायबर सेल प्रभारी अमित शर्मा और उनकी टीम की सतत मेहनत को दिया है।
शुक्रवार को रतलाम एसपी लोढ़ा ने पत्रकार वार्ता आयोजित की। एसपी लोढ़ा ने बताया कि 11 माह पूर्व 24 अगस्त-2023 को ठग का शिकार हुए सलीम पिता काले खान से आरोपी मोहम्मद फेज उर्फ निक्कू, आजम खान, हुजेफा जम्माली बोहरा, आलोक पाल, वाजीद एवं वसीम द्वारा लगभग 20 लाख 76 हजार की ठगी करने का मामला संज्ञान में आया था। जावरा औद्योगिक क्षेत्र थाना में आरोपियों के खिलाफ धारा 406, 420, 120-बी भारतीय दंड संहिता एवं 21(1), 21(2), 21(3) अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम पर प्रकरण दर्ज किया गया था। रतलाम में अशरफ अली की रिपोर्ट पर आरोपी गोविन्द सिंह, संदीप टांक के विरूद्ध थाना स्टेशन रोड में लगभग 26 लाख 51 हजार 20 रुपए ठगी का प्रकरण धारा 406,420,120-बी भारतीय दंड संहिता एवं 21(1), 21(2), 21(3) अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। जांच में पाया गया था कि आरोपियों द्वारा एमटीएफई ऐप के माध्यम से आम जनता को उनके निवेष पर असाधारण उच्च रिटर्न का वादा करके आकर्षित किया गया है। आरोपियों ने क्रिप्टोकरेंसी जमा पर 30 प्रतिशत मासिक रिर्टन देने का वादा आमजन से किया था। आसानी से पैसे कमाने वाली इस भ्रमित स्कीम के लालच में भोले-भाले लोगो ने विश्वास किया और मेहनत की लाखों रुपए की कमाई इसमें लगा दी थी। कुछ समय बाद एमटीएफई कंपनी द्वारा सैकड़ों आमजन लोगों से ठगी कर कंपनी बंद कर दी और लोगों की लाखों रुपए की जमा राशि डूब गई थी।
शातिर गिरोह से फंसे लोगों की ऐसे जुटाई जानकारी
शातिर गिरोह द्वारा आमजन को दिए गए क्यूआर कोड /टीआरसी-20 के एड्रेस को पुलिस ने एक-एक कर एकत्रित किया। रतलाम जिले में 266 पीडि़तों से 1 करोड़ 43 लाख रुपए की ठगी आरोपियों द्वारा करना पाई गई। जांच में सायबर टीम ने पाया कि एमटीएफई कंपनी द्वारा आमजन से की गई धोखाधड़ी के जावरा और रतलाम के दोनों प्रकरणों में एमटीएफई के सीईओ हुजेफा जमाली एवं गोविन्द सिंह चंद्रावत सहित कुल 8 आरोपी प्रमुख हैं। सबसे पहले रतलाम पुलिस ने इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया। एमटीएफई फ्रॉड में संलिप्त कलिन कंपनी के डायरेक्टर योगानंदा बमोरे से पूछताछ पर उसने इंटरनेशनल क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म बायनेंस, हुओबी, टीआरसी-20 आदि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफार्म के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई।
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